किसान और गधे की कहानी 


एक दिन एक गाँब में एक किसान का गधा पास के सूखे हुए कुएं में गिर जाता है तभी सभी जानवर उसे असहाय  देखकर दया की भावना से रोने लगे जबकि किसान युकिती सोच रहा था की अब क्या किया जाए। अंततः उसने निर्णय किया की वह गधा बहुत बुढा हो गया है और भी उसे कुँए  को मिट्टी से भरकर बंद करना है। इसलिए उस गधे को कुएं से निकालने में अब कोई समझदारी  नहीं दिखाई देती ।

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उसने उस गाँब में रहने वाले अपने पड़ोसियों  और रिश्तेदारों को अपनी  मदद करने के लिए बुलाया और कुआ बंद करने के लिए लगने वाली मिट्टी के लिए बाजु की जमीन खोद के मिट्टी निकालने को कहा । कुआ बंद करने के लिए सबने उसका हाथ बटाना चालू कर किया और वह भी दूसरी तरफ खुदाई करते और  मिट्टीं निकालते और वह मिट्टी थोड़ी- थोड़ी करके कुएं  में डालने लगे।

अपने ऊपर मिट्टी पड़ते देख कुएं में गधा डर गया और उसे समझ आ गया की अब वह ज्यादा देर तक ज़िंदा नहीं रह पायेगा। यह सब देखते ही वह जोर जोर से रोने लगा,पर उसकी मदद कोई भी नहीं कर सकता था - सब असहाय थे की गधे को कैसे बाहर निकालें। किसान पड़ोसियों की मदद से कुएं में  मिट्टी  भरने  का काम तेजी से हो रहा था।

किसान और उसके मित्रों ने यह मान लिया था की गधा अब तक कुए में डाली हुई मिट्टी के निचे दब चूका होगा और जब उन्होंने कुंए में झाँक के देखा तब वह आश्चर्यचकित रह गए।

उन्होंने देखा की वह लोग जो भी मिट्टी गधे पर डालते थे । गधा उस मिट्टी  को अपने शरीर पर से  निचे गिरा देता। ऐसा करने के वजह से उसके निचे सारी मिट्टी  का एक ऊँचा ढेर लग चूका था और गधा बड़े आराम से उस ढेर पर खड़ा था। देखते ही  देखते किसान ने  मिटटी का ढेर इतना ऊँचा कर दिया की गधा खुद कुएं से बाहर निकल कर  आ गया।

इस कहानी से सीख :-


दोस्तों जिस तरह कहानी में गधे के ऊपर मिट्टी डाली जा रही थी उसी तरह ज़िंदगी हम सबके ऊपर कई सारी मिट्टी ( मुश्किलें ) डालती  है।

मुश्किलों को देखकर रोना या उसका बहादुरी से सामना करना या  मुश्किलों को सुनहरे अवसर में बदलना हमारे हाथ में है।

रोने से या घबराने से मुश्किल हल नहीं होगी । जिस तरह  गधे ने अपने ऊपर डाली हुई मिट्टी को ही अपनी  मुसीबत से बाहर निकालने का रास्ता बनाया ठीक उसी तरह हमे खुद पर आई  हुई  हर मुसीबत में सकारात्मक और शांत सोच से बाहर निकालने का रास्ता ढूँढना चाहिए।

हम मन में  हार मानकर कभी आगे नहीं बढ़ सकते कियुँकि हारा हुआ दिमाग हार ही लेकर आता है और जीता हुआ मन हारे हुए मैदान को भी जीत लाता है । जीवन में मुश्किलों से भागने  की बजाये उनका सामना डट कर  के करें एक-एक कदम आगे बढ़ने की कोशिश करे।

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